वृद्ध व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Older Persons)
प्रत्येक वर्ष 01 अक्तूबर को ‘वृद्ध व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ (International Day of Older Persons) मनाया जाता है।
उद्देश्य:
● इस दिवस का उद्देश्य बढ़ती उम्र के प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना तथा वृद्ध लोगों को गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करना और उन बिंदुओं के बारे में लोगों को जागरूक करना जो वृद्धों को प्रभावित कर रहे हैं जैसे- बुढ़ापा या वार्धक्य (Senescence) एवं बुजुर्गों से दुराचार।
थीम:
● वर्ष 2020 के लिये ‘वृद्ध व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ की थीम ‘महामारी: क्या बुजुर्ग लोग उम्र एवं बुढ़ापे का सामना करने के लिये स्वयं को बदलने के लिये तैयार हैं’ (Pandemics: Do They Change How We Address Age and Ageing) है।
प्रमुख बिंदु:
● इस दिवस उन वृद्ध व्यक्तियों का सम्मान करने के लिये मनाया जाता है जो समाज के लिये अपना योगदान देते हैं।
● वृद्ध लोग स्वैच्छिक कार्य के माध्यम से अपने अनुभव एवं ज्ञान का प्रसार करते हैं तथा देखभाल करने वाली ज़िम्मेदारियों के साथ अपने परिवारों की मदद करते हैं और भुगतान आधारित श्रम बल में भाग लेने के माध्यम से समाज में बहुत बड़ा योगदान देते हैं।
पृष्ठभूमि:
● 14 दिसंबर, 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (संकल्प 45/106 द्वारा) ने 1 अक्तूबर को ‘वृद्ध व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में नामित किया था।
● संयुक्त राष्ट्र के इस निर्णय ने ‘वृद्धावस्था पर वियना इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन’ (Vienna International Plan of Action on Aging) का स्थान लिया जिसे वर्ष 1982 की वृद्धावस्था पर विश्व सभा (World Assembly on Aging) में अपनाया गया था।
● वर्ष 1991 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (संकल्प 46/91 द्वारा) ने वृद्ध व्यक्तियों के लिये संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों को अपनाया।
●वर्ष 2002 में वृद्धावस्था पर दूसरी विश्व सभा (Second World Assembly on Aging) ने 21वीं सदी में वृद्ध होती जनसंख्या के अवसरों एवं चुनौतियों से निपटने के लिये तथा सभी उम्र के लोगों के लिये एक समाज के विकास को बढ़ावा देने के लिये ‘वृद्धावस्था पर मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन’ (Madrid International Plan of Action on Aging) को अपनाया।
महत्त्व:
● इस दिवस को मनाने से वृद्ध व्यक्तियों पर COVID-19 के प्रभाव तथा स्वास्थ्य देखभाल नीति, योजना एवं दृष्टिकोण पर COVID-19 के प्रभाव के बारे में समझ बढ़ेगी।
सुर्ख़ियों में- डॉ. कपिला वात्स्यायन
हाल ही में भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रख्यात विद्वान डॉ. कपिला वात्स्यायन का निधन हो गया है। डॉ. कपिला वात्स्यायन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं व शिक्षा सचिव के रूप में भी कार्य किया था। वह संसद की पूर्व सदस्य रह चुकी है।
पुरस्कार
✔️ संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप
✔️ ललित कला अकादमी फैलोशिप
✔️ पद्म विभूषण सम्मान
✅भारतीय शास्त्रीय नृत्य
✔️भरतनाट्यम- तमिलनाडु
✔️कत्थक- उत्तरप्रदेश
✔️कत्थककलि- केरल
✔️कुचिपुड़ी- आंध्रप्रदेश प्रदेश
✔️मणिपुरी- मणिपुर
✔️ओडिसी- उड़ीसा
✔️सत्त्रिया- आसाम
✔️मोहिनीअट्टम- केरल