IAS Success Story: IIT से IIM और फिर पहले प्रयास में IAS, प्रत्युष पांडे ने ऐसे तय किया निरंतर सफलताओं का सफर
साल 2019 में पहले ही प्रयास में IAS सेवा के लिए चयनित होने वाले प्रत्युष पांडे ने इसके पहले IIT और IIM से डिग्री ली है. आज जानते हैं कि कैसे उन्होंने पहले ही अटेम्पट में यूपीएससी परीक्षा पास की.
Success Story Of IAS Topper Pratyush Pandey:IAS टॉपर प्रत्युष पांडे की सफलता की कहानी
केवल 24 साल की उम्र में नई दिल्ली के प्रत्युष पांडे ने इतना कुछ हासिल कर लिया है, जिसकी लोग केवल कल्पना ही करते रह जाते हैं। जहां ताउम्र लोग एक सफलता के लिए तरसते हैं वहीं प्रत्युष ने मात्र 24 साल की उम्र में अपने क्षेत्र के सबसे नामी संस्थानों में एडमिशन लेकर दिखा दिया कि कुछ लोग केवल सफल होने के लिए ही बने होते हैं। हालांकि इसके पीछे उनकी सालों की तपस्या और कड़ी मेहनत होती है फिर भी साल दर साल यूं सफल होते जाना आसान नहीं होता।
प्रत्युष ने कानपुर आईआईटी से ग्रेजुएशन किया है, और आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए. दोनों ही संस्थान अपने क्षेत्र में सर्वोत्तम माने जाते हैं। इसके बाद जिस साल प्रत्युष का पीजी पूरा हुआ उसी साल उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा भी पास की। यही नहीं वे 21वीं रैंक के साथ टॉपर्स की सूची में भी शामिल हुए। मार्च 2019 में उन्होंने एमबीए किया और इसी साल बने आईएएस. कड़ी मेहनत और धैर्य के अलावा आइये जानते हैं क्या रहे प्रत्युष के सक्सेज टूल।
सही रास्ता चुनने के लिए खर्च करें कुछ समय –
प्रत्युष पांडे कहते हैं कि जब आप यह तय करते हैं कि यूपीएससी परीक्षा देनी है तो इसके बाद तैयारी के मैदान में कूदने में जल्जबाजी न करें। ये जल्दी आपको मंजिल तक पहुंचने में देर करा सकती है। सबसे पहले सही डायरेक्शन चुनें फिर आगे बढ़े और डायरेक्शन चुनने में समय दें। इसके लिए प्रत्युष सलाह देते हैं कि गूगल पर जाएं और कम से दस टॉपर्स ब्लॉग देखें। देखें कि उन्होंने क्या स्ट्रेटजी फॉलो की थी, कैसे तैयारी की शुरुआत की थी और सबसे जरूरी यह जानें की यूपीएससी आखिर है क्या और इसे पास करने के लिए किस प्रकार की तैयारी की आवश्यकता होती है। सब जानने-समझने के बाद ही अगला कदम उठाएं।
इसके बाद तय करें बुकलिस्ट –
प्रत्युष कहते हैं कि परीक्षा का नेचर समझने और स्ट्रेटजी कैसे बनानी है यह जानने के बाद अगला महत्वपूर्ण स्टेप है अपनी बुक लिस्ट तैयार करना। वे कहते हैं कि इन ब्लॉग्स पर आपको बुक लिस्ट भी मिल जाएगी, लेकिन किसी की भी बुक लिस्ट को ब्लाइंडली फॉलो न करें। हर साल अगर 800 स्टूडेंट्स परीक्षा पास करते हैं तो वे 800 किताबों की लिस्ट आपको बताएंगे जिनमें कुछ कॉमन भी होंगी। ऐसे में आपके लिए अक्लमंदी यह है कि आप थोड़े एफर्ट लगाएं और अपने लिए बुक लिस्ट खुद तैयार करें। प्रत्युष यह भी कहते हैं कि अगर कोई इतना भी एफर्ट नहीं लगाना चाहता कि बुक लिस्ट कैसे बनानी है तो उसको परीक्षा में बैठने की कोई जरूरत नहीं। कुछ कॉमन किताबों के अलावा आपको अपनी जरूरत के मुताबिक सूची बनानी चाहिए।
अगल अहम पड़ाव – ऑप्शनल का चुनाव –
प्रत्युष आगे कहते हैं कि ऑप्शनल का चुनाव भी एक बड़ा मुद्दा है जो कैंडिडेट को सोच-समझकर करना चाहिए। इसके लिए भी मोटे तौर पर टॉपर्स के ब्लॉग वगैरह देख सकते हैं पर यह याद रहे कि जिस कैंडिडेट ने जो ऑप्शनल चुना होगा वह केवल आपको उसके बारे में बता पाएगा। इसलिए बेहतर होगा इसका चुनाव अपनी जरूरत और रुचि के हिसाब से करें बस कुछ बिंदु हैं जिनका विशेष ख्याल रखें।
- सबसे पहले तो यह देख लें कि आपको उस विषय में इंट्रेस्ट है कि नहीं क्योंकि आपको वह लंबे समय तक पढ़ना है। बोर होंगे तो नहीं पढ़ पाएंगे।
- दूसरी बात यह कि अगर आपके पास समय की कमी है तो ऐसे ऑप्शनल चुनें जो थोड़े छोटे होते हैं।
- तीसरी अहम बात यह देख लें कि उस विषय का मैटीरियल आसानी से उपलब्ध है या नहीं। कई बार कुछ कैंडिडेट्स ऐसा ऑप्शनल चुन लेते हैं, जिनका बाद में स्टडी मैटीरियल ही नहीं मिलता। ऐसे में बाद में उसे बदलने से पहले ही सब देख-परख लें तब चुनाव करें।
कोई भी नया कैंडिडेट जो पहली बार यह परीक्षा देने की योजना बना रहा है अगर इन तीन बिंदुओं को सही तौर पर चुन लेगा तो उसकी शुरुआत सही दिशा में हो जाएगी। और शुरुआत सही होने से आधी जंग तो ऐसे ही जीत जाते हैं। इसलिए सही शुरुआत जरूर करें और इसके लिए सही दिशा में कदम बढ़ाएं।