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शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021

रिस्पर-कस 9 (CRISPR-Cas 9) तकनीक - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी लेख

 रिस्पर-कस 9 (CRISPR-Cas 9) तकनीक - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी लेख

संदर्भ: -


●रसायन विज्ञान में साल 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार घोषित किया जा चुका है । इस साल का पुरस्कार इम्मैन्युअल शार्पेंची (Emmanuelle Charpentier) और जेनफिर डाउडना (Jennifer A. Doudna) को जीनोम एडिटिंग की CRISPR-Cas 9 तकनीक के लिए दिया गया है।


क्या है जीनोम एडिटिंग?


●जीनोम एडिटिंग (जिसे जीन एडिटिंग भी कहा जाता है) प्रौद्योगिकियों का एक समुच्चय है जो वैज्ञानिकों को एक जीव के डीएनए को बदलने की क्षमता देता है। ये प्रौद्योगिकियां जीनोम में विशेष स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़ने, हटाने या बदलने की में सहायक होती हैं । जीनोम एडिटिंग के कई दृष्टिकोण विकसित किए गए हैं जिसकी हालिया तकनीकी CRISPR-Cas 9 है।


क्या है CRISPR-Cas 9


●यह जीनोम एडिटिंग की एक पद्धति है जिसमे अनुवांशिक जीनो को जोड़ा ,हटाया या बदला जा सकता है। इस प्रणाली में मुख्यतः दो अणु सम्मिलित होते हैं जो डीएनए में परिवर्तन के कारक होते हैं।


●इस पद्धति में प्रयुक्त Cas 9 एक एंजाइम है तथा यह आणविक कैंची की तरह कार्य करता है तथा यह जीनोम में डीएनए के स्ट्रैंड को एक विशिष्ट स्थान से काट देता है जिससे अभीष्ट डीएनए को परिवर्तित किया जा सके।


●Cas 9 के साथ इस तकनीक में गाइड आरएनए का कार्य भी महत्वपूर्ण होता है। यह आरएनए अनुक्रम का एक भाग है जिसका कार्य डीएनए के विशिष्ट अनुक्रम को ढूंढ़कर उसके साथ बांधना होता है। गाइड आरएनए में आरएनए बेस होता है जो जीनोम में टार्गेटेड डीएनए अनुक्रम का पूरक होता है।


●यह अनुवांशिक रोगों तथा कैंसर ,हेपेटाइटिस बी,एचआईवी जैसे रोगों के निदान में सहायक होगा। वैज्ञानिक अभी भी यह निर्धारित करने के लिए काम कर रहे हैं इसका प्रयोग जन सामान्य हेतु कैसा होगा ।


●यह सिस्ट फाइब्रोसिस, हीमोफिलिया, और सिकल सेल रोग जैसे एकल-जीन विकारों सहित कई प्रकार के रोगों के निदान में भी यह पद्धति सहायक होगी।


●इस तकनीकी के साथ कुछ नैतिक चिंताएं भी जुडी हैं। वर्ष 2018 में ही सीआरआइएसपीआर के बारे में अधिकांश लोग जान गए थे, जब चीनी विज्ञानी डॉ. ही जियानकुई ने दुनिया को बताया था कि उन्होंने दुनिया के पहले जीन-एडिटेड शिशुओं को बनाने में मदद की थी। हालांकि उनके काम को मानव सभ्यता के लिए उपयुक्त नहीं माना गया। क्योंकि इस तकनीक से डिज़ाइनर बच्चो का जन्म हो सकता है।


●सीआरआइएसपीआर तकनीक पर पेटेंट को लेकर हार्वर्ड स्थित ब्राड इंस्टीट्यूट और एमआइटी लंबी अदालती लड़ाई में उलझे हैं। इस पर कई अन्य विज्ञानियों ने भी काम किया है, लेकिन दोनों महिला विज्ञानियों को इसे आसानी से प्रयोग होने वाले उपकरणों में बदलने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।


नोबल पुरस्कार


●नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है। इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 10 लाख डालर की राशि प्रदान की जाती है।


रसायन विज्ञान में नोबल


●इस साल का पुरस्कार इम्मैन्युअल शार्पेंची (Emmanuelle Charpentier) और जेनफिर डाउडना (Jennifer A. Doudna) को जीनोम एडिटिंग की CRISPR-Cas 9 तकनीक के लिए दिया गया है। इससे पहले अब तक पांच महिलाओं को केमिस्ट्री के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। मैरी क्यूरी एकमात्र ऐसी महिला हैं जिन्हें फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है।ऐसा पहली बार है कि जब मात्र महिला समूह को रसायन विज्ञान का नोबल पुरस्कार मिला है।


निष्कर्ष


●यह जैव प्रद्योगिकी तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सफलता है। इसके साथ ही इस नोबल पुरस्कार से महिलाऐं विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए इच्छुक होंगी। परन्तु इस तकनीक के साथ जुडी नैतिक समस्याएं इस तकनीक के सीमित प्रयोग को बताती हैं। अतः इस तकनीकी के प्रयोगकर्ताओ को यह समझना होगा कि इस प्रकार की तकनीकों का प्रयोग मानव कल्याण के लिए होना आवश्यक है।

रिस्पर-कस 9 (CRISPR-Cas 9) तकनीक - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी लेख

 रिस्पर-कस 9 (CRISPR-Cas 9) तकनीक - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी लेख

संदर्भ: -


●रसायन विज्ञान में साल 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार घोषित किया जा चुका है । इस साल का पुरस्कार इम्मैन्युअल शार्पेंची (Emmanuelle Charpentier) और जेनफिर डाउडना (Jennifer A. Doudna) को जीनोम एडिटिंग की CRISPR-Cas 9 तकनीक के लिए दिया गया है।


क्या है जीनोम एडिटिंग?


●जीनोम एडिटिंग (जिसे जीन एडिटिंग भी कहा जाता है) प्रौद्योगिकियों का एक समुच्चय है जो वैज्ञानिकों को एक जीव के डीएनए को बदलने की क्षमता देता है। ये प्रौद्योगिकियां जीनोम में विशेष स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़ने, हटाने या बदलने की में सहायक होती हैं । जीनोम एडिटिंग के कई दृष्टिकोण विकसित किए गए हैं जिसकी हालिया तकनीकी CRISPR-Cas 9 है।


क्या है CRISPR-Cas 9


●यह जीनोम एडिटिंग की एक पद्धति है जिसमे अनुवांशिक जीनो को जोड़ा ,हटाया या बदला जा सकता है। इस प्रणाली में मुख्यतः दो अणु सम्मिलित होते हैं जो डीएनए में परिवर्तन के कारक होते हैं।


●इस पद्धति में प्रयुक्त Cas 9 एक एंजाइम है तथा यह आणविक कैंची की तरह कार्य करता है तथा यह जीनोम में डीएनए के स्ट्रैंड को एक विशिष्ट स्थान से काट देता है जिससे अभीष्ट डीएनए को परिवर्तित किया जा सके।


●Cas 9 के साथ इस तकनीक में गाइड आरएनए का कार्य भी महत्वपूर्ण होता है। यह आरएनए अनुक्रम का एक भाग है जिसका कार्य डीएनए के विशिष्ट अनुक्रम को ढूंढ़कर उसके साथ बांधना होता है। गाइड आरएनए में आरएनए बेस होता है जो जीनोम में टार्गेटेड डीएनए अनुक्रम का पूरक होता है।


●यह अनुवांशिक रोगों तथा कैंसर ,हेपेटाइटिस बी,एचआईवी जैसे रोगों के निदान में सहायक होगा। वैज्ञानिक अभी भी यह निर्धारित करने के लिए काम कर रहे हैं इसका प्रयोग जन सामान्य हेतु कैसा होगा ।


●यह सिस्ट फाइब्रोसिस, हीमोफिलिया, और सिकल सेल रोग जैसे एकल-जीन विकारों सहित कई प्रकार के रोगों के निदान में भी यह पद्धति सहायक होगी।


●इस तकनीकी के साथ कुछ नैतिक चिंताएं भी जुडी हैं। वर्ष 2018 में ही सीआरआइएसपीआर के बारे में अधिकांश लोग जान गए थे, जब चीनी विज्ञानी डॉ. ही जियानकुई ने दुनिया को बताया था कि उन्होंने दुनिया के पहले जीन-एडिटेड शिशुओं को बनाने में मदद की थी। हालांकि उनके काम को मानव सभ्यता के लिए उपयुक्त नहीं माना गया। क्योंकि इस तकनीक से डिज़ाइनर बच्चो का जन्म हो सकता है।


●सीआरआइएसपीआर तकनीक पर पेटेंट को लेकर हार्वर्ड स्थित ब्राड इंस्टीट्यूट और एमआइटी लंबी अदालती लड़ाई में उलझे हैं। इस पर कई अन्य विज्ञानियों ने भी काम किया है, लेकिन दोनों महिला विज्ञानियों को इसे आसानी से प्रयोग होने वाले उपकरणों में बदलने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।


नोबल पुरस्कार


●नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है। इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 10 लाख डालर की राशि प्रदान की जाती है।


रसायन विज्ञान में नोबल


●इस साल का पुरस्कार इम्मैन्युअल शार्पेंची (Emmanuelle Charpentier) और जेनफिर डाउडना (Jennifer A. Doudna) को जीनोम एडिटिंग की CRISPR-Cas 9 तकनीक के लिए दिया गया है। इससे पहले अब तक पांच महिलाओं को केमिस्ट्री के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। मैरी क्यूरी एकमात्र ऐसी महिला हैं जिन्हें फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है।ऐसा पहली बार है कि जब मात्र महिला समूह को रसायन विज्ञान का नोबल पुरस्कार मिला है।


निष्कर्ष


●यह जैव प्रद्योगिकी तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सफलता है। इसके साथ ही इस नोबल पुरस्कार से महिलाऐं विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए इच्छुक होंगी। परन्तु इस तकनीक के साथ जुडी नैतिक समस्याएं इस तकनीक के सीमित प्रयोग को बताती हैं। अतः इस तकनीकी के प्रयोगकर्ताओ को यह समझना होगा कि इस प्रकार की तकनीकों का प्रयोग मानव कल्याण के लिए होना आवश्यक है।

Nobel Prize 2020: अमेरिका की लुईस ग्लूक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

 Nobel Prize 2020: अमेरिका की लुईस ग्लूक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

Nobel Prize 2020: अमेरिका की लुईस ग्लूक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार


साहित्य में नोबेल पुरस्कार 2020 के पुरस्‍कारों की घोषणा हुई।  यह पुरस्‍कार अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को दिया गया. स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि कवयित्री  लुईस को उनकी बेमिसाल काव्यात्मक आवाज के लिए यह सम्मान दिया गया, जो खूबसूरती के साथ व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक बनाता है। 


यह पुरस्कार कई साल के विवाद के बाद दिया गया है।  अमेरिकी कवि लुईस ग्लक ने साहित्य में 2020 का नोबेल पुरस्कार जीता है. इसकी जानकारी स्वीडिश एकेडमी ने 08 अक्टूबर 2020 को दी. स्टाकहोम में ‘स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज' के पैनल ने विजेताओं की घोषणा की।  इसके पहले लगातार तीन दिन चिकित्सा, भौतिकि और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार घोषित किए जा चुके हैं। 


लुईस ग्लूक के बारे में


लुईस ग्लूक बेहद सम्मानित साहित्यकार हैं. वो सामाजिक मुद्दों पर भी काफी सक्रिय रहती हैं।  लुईस येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं. उनका जन्म 1943 में न्यूयॉर्क में हुआ था। 


उनके नोबेल प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि उनके लेखन में बाद की पुनरावृत्ति के लिए इन तीन विशेषताओं में एकजुट होना दिखाई देता ह्रै। लुईस ग्लुक के कविता के बारह संग्रह और कुछ संस्करणों को प्रकाशित हुए हैं।  उनकी कविताओं में खुद के सपनों और भ्रमों के बारे में जो कुछ बचा है, उसे कहा गया है। 


2019 में यह पुरस्कार पीटर हैंडका को दिया गया था।  


साल 2019 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार आस्ट्रियाई मूल के लेखक पीटर हैंडका को दिया गया था।  उन्हें यह पुरस्कार इनोवेटिव लेखन और भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए दिया गया था.


विश्व में 116 नोबेल साहित्य विजेता हैं


साल 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को गीतांजली के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया।  इस पुरस्कार को पाने वाले वो ना सिर्फ पहले भारतीय बल्कि पहले गैरयूरोपीय साहित्यकार भी थे।  1901 से लेकर अब तक कुल 112 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं और इस बीच सात साल ऐसे रहे जब ये पुरस्कार नहीं दिए गए।  कुल मिला कर विश्व में 116 नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेता हैं। 

Nobel Prize 2020: अमेरिका की लुईस ग्लूक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

 Nobel Prize 2020: अमेरिका की लुईस ग्लूक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

Nobel Prize 2020: अमेरिका की लुईस ग्लूक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार


साहित्य में नोबेल पुरस्कार 2020 के पुरस्‍कारों की घोषणा हुई।  यह पुरस्‍कार अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को दिया गया. स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि कवयित्री  लुईस को उनकी बेमिसाल काव्यात्मक आवाज के लिए यह सम्मान दिया गया, जो खूबसूरती के साथ व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक बनाता है। 


यह पुरस्कार कई साल के विवाद के बाद दिया गया है।  अमेरिकी कवि लुईस ग्लक ने साहित्य में 2020 का नोबेल पुरस्कार जीता है. इसकी जानकारी स्वीडिश एकेडमी ने 08 अक्टूबर 2020 को दी. स्टाकहोम में ‘स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज' के पैनल ने विजेताओं की घोषणा की।  इसके पहले लगातार तीन दिन चिकित्सा, भौतिकि और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार घोषित किए जा चुके हैं। 


लुईस ग्लूक के बारे में


लुईस ग्लूक बेहद सम्मानित साहित्यकार हैं. वो सामाजिक मुद्दों पर भी काफी सक्रिय रहती हैं।  लुईस येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं. उनका जन्म 1943 में न्यूयॉर्क में हुआ था। 


उनके नोबेल प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि उनके लेखन में बाद की पुनरावृत्ति के लिए इन तीन विशेषताओं में एकजुट होना दिखाई देता ह्रै। लुईस ग्लुक के कविता के बारह संग्रह और कुछ संस्करणों को प्रकाशित हुए हैं।  उनकी कविताओं में खुद के सपनों और भ्रमों के बारे में जो कुछ बचा है, उसे कहा गया है। 


2019 में यह पुरस्कार पीटर हैंडका को दिया गया था।  


साल 2019 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार आस्ट्रियाई मूल के लेखक पीटर हैंडका को दिया गया था।  उन्हें यह पुरस्कार इनोवेटिव लेखन और भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए दिया गया था.


विश्व में 116 नोबेल साहित्य विजेता हैं


साल 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को गीतांजली के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया।  इस पुरस्कार को पाने वाले वो ना सिर्फ पहले भारतीय बल्कि पहले गैरयूरोपीय साहित्यकार भी थे।  1901 से लेकर अब तक कुल 112 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं और इस बीच सात साल ऐसे रहे जब ये पुरस्कार नहीं दिए गए।  कुल मिला कर विश्व में 116 नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेता हैं। 

सामान्य ज्ञान: प्रश्न उत्तर

 सामान्य ज्ञान: प्रश्न उत्तर  

1.तरंग चलती हैं, तो वे अपने साथ ले जाती हैं

  • उत्तर: - -ऊर्जा

2.: - सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का कौन-सा भाग दिखाई देता है?

  • उत्तर : - किरीट

3.: - कपड़ों से जंग के धब्बे हटाने के लिये प्रयोग किया 

  • उत्तर: - -ऑक्ज़ैलिक अम्ल

4.: - गन्ने में ‘लाल सड़न रोग’ किसके कारण उत्पन्न होता है?

  • उत्तर: - कवकों द्वारा

5.: - टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था?

  • उत्तर: - जे. एल. बेयर्ड

6.: - किस प्रकार के ऊतक शरीर के सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं?

  • उत्तर: - एपिथीलियम ऊतक

7.: - मनुष्य ने सर्वप्रथम किस जन्तु को अपना पालतू बनाया?

  • उत्तर: - कुत्ता

8.: - किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम बर्फ़ के दो टुकड़ों को आपस में घिसकर पिघला दिया?

  • उत्तर : - डेवी

9: - हीरा चमकदार क्यों दिखाई देता है?

  • उत्तर: - सामूहिक आंतरिक परावर्तन के कारण

10.: - ‘गोबर गैस’ में मुख्य रूप से क्या पाया जाता है।

  • उत्तर: - मिथेन

11.: - कौन-सा आहार मानव शरीर में नये ऊतकों की वृद्धि के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है?

  • उत्तर: - पनीर

12.: -कौन एक उड़ने वाली छिपकली है?

  • उत्तर: - ड्रेको

13.: - अंगूर में कौन-सा अम्ल पाया जाता है?

  • उत्तर: - टार्टरिक अम्ल

14.: - कैंसर सम्बन्धी रोगों का अध्ययन कहलाता है

  • उत्तर : - Oncology

15.: - घोंसला बनाने वाला एकमात्र साँप कौन-सा है?

  • उत्तर: - किंग कोबरा

16.: - भारत में पायी जाने वाली सबसे बड़ी मछली कौन-सी है?

  • उत्तर: - ह्वेल शार्क

17.: - दालें किसका एक अच्छा स्रोत होती हैं?

  • उत्तर: - प्रोटीन

18.: - देशी घी में से सुगन्ध क्यों आती है?

  • उत्तर : - डाइएसिटिल के कारण

19.: - इन्द्रधनुष में किस रंग का विक्षेपण अधिक होता है?

  • उत्तर: - लाल रंग

20.: - सूर्य की किरण में कितने रंग होते हैं?

  • उत्तर : - 7

21.: - ‘टाइपराइटर’ (टंकण मशीन) के आविष्कारक कौन हैं?

  • उत्तर : - शोल्स

22.: - सिरका को लैटिन भाषा में क्या कहा जाता है।

  • उत्तर: - ऐसीटम

23.: - दूध की शुद्धता का मापन किस यन्त्र से किया जाता है?

  • उत्तर: - लैक्टोमीटर

24.: - पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु तत्त्व कौन-सा है?

  • उत्तर: - ऐलुमिनियम

25.: - मोती मुख्य रूप से किस पदार्थ का बना होता है?

  • उत्तर: - कैल्सियम कार्बोनेट

26.: - मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्व पाया जाता है?

  • उत्तर: - ऑक्सीजन

27.: - आम का वानस्पतिक नाम क्या है?

  • उत्तर: - मेंगीफ़ेरा इण्डिका

28.: - कॉफी पाउडर के साथ मिलाया जाने वाला ‘चिकोरी चूर्ण’ प्राप्त होता है

  • उत्तर : - -जड़ों से

29.: - ‘विटामिन-सी’ का सबसे अच्छा स्त्रोत क्या है?

  • उत्तर: - आंवला

30.: - सबसे अधिक तीव्रता की ध्वनि कौन उत्पन्न करता है?

  • उत्तर: - बाघ

31.: - मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका कौन-सी होती है?

  • उत्तर: - तंत्रिका कोशिका

32.: - दाँत मुख्य रूप से किस पदार्थ के बने होते हैं?

  • उत्तर: - डेंटाइन के

33.: - किस जंतु की आकृति पैर की चप्पल के समान होती है?

  • उत्तर: - पैरामीशियम

34.: -किस पदार्थ में प्रोटीन नहीं पाया जाता है?

  • उत्तर: - चावल

35.: - मानव का मस्तिष्क लगभग कितने ग्राम का होता है?

  • उत्तर : - 1350

36.: - रक्त में पायी जाने वाली धातु है?

  • उत्तर : - -लोहा

37.: - मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है?

  • उत्तर : - लैक्टिक अम्ल

38.: - किण्वन का उदाहरण है

  • उत्तर : - -दूध का खट्टा होना,खाने की ब्रेड का बनना,गीले आटे का खट्टा होना। 

39.: - केंचुए की कितनी आँखें होती हैं?

  • उत्तर: - एक भी नहीं

40.: - गाजर किस विटामिन का समृद्ध स्रोत है?

  • उत्तर: - विटामिन A

सामान्य ज्ञान: प्रश्न उत्तर

 सामान्य ज्ञान: प्रश्न उत्तर  

1.तरंग चलती हैं, तो वे अपने साथ ले जाती हैं

  • उत्तर: - -ऊर्जा

2.: - सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का कौन-सा भाग दिखाई देता है?

  • उत्तर : - किरीट

3.: - कपड़ों से जंग के धब्बे हटाने के लिये प्रयोग किया 

  • उत्तर: - -ऑक्ज़ैलिक अम्ल

4.: - गन्ने में ‘लाल सड़न रोग’ किसके कारण उत्पन्न होता है?

  • उत्तर: - कवकों द्वारा

5.: - टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था?

  • उत्तर: - जे. एल. बेयर्ड

6.: - किस प्रकार के ऊतक शरीर के सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं?

  • उत्तर: - एपिथीलियम ऊतक

7.: - मनुष्य ने सर्वप्रथम किस जन्तु को अपना पालतू बनाया?

  • उत्तर: - कुत्ता

8.: - किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम बर्फ़ के दो टुकड़ों को आपस में घिसकर पिघला दिया?

  • उत्तर : - डेवी

9: - हीरा चमकदार क्यों दिखाई देता है?

  • उत्तर: - सामूहिक आंतरिक परावर्तन के कारण

10.: - ‘गोबर गैस’ में मुख्य रूप से क्या पाया जाता है।

  • उत्तर: - मिथेन

11.: - कौन-सा आहार मानव शरीर में नये ऊतकों की वृद्धि के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है?

  • उत्तर: - पनीर

12.: -कौन एक उड़ने वाली छिपकली है?

  • उत्तर: - ड्रेको

13.: - अंगूर में कौन-सा अम्ल पाया जाता है?

  • उत्तर: - टार्टरिक अम्ल

14.: - कैंसर सम्बन्धी रोगों का अध्ययन कहलाता है

  • उत्तर : - Oncology

15.: - घोंसला बनाने वाला एकमात्र साँप कौन-सा है?

  • उत्तर: - किंग कोबरा

16.: - भारत में पायी जाने वाली सबसे बड़ी मछली कौन-सी है?

  • उत्तर: - ह्वेल शार्क

17.: - दालें किसका एक अच्छा स्रोत होती हैं?

  • उत्तर: - प्रोटीन

18.: - देशी घी में से सुगन्ध क्यों आती है?

  • उत्तर : - डाइएसिटिल के कारण

19.: - इन्द्रधनुष में किस रंग का विक्षेपण अधिक होता है?

  • उत्तर: - लाल रंग

20.: - सूर्य की किरण में कितने रंग होते हैं?

  • उत्तर : - 7

21.: - ‘टाइपराइटर’ (टंकण मशीन) के आविष्कारक कौन हैं?

  • उत्तर : - शोल्स

22.: - सिरका को लैटिन भाषा में क्या कहा जाता है।

  • उत्तर: - ऐसीटम

23.: - दूध की शुद्धता का मापन किस यन्त्र से किया जाता है?

  • उत्तर: - लैक्टोमीटर

24.: - पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु तत्त्व कौन-सा है?

  • उत्तर: - ऐलुमिनियम

25.: - मोती मुख्य रूप से किस पदार्थ का बना होता है?

  • उत्तर: - कैल्सियम कार्बोनेट

26.: - मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्व पाया जाता है?

  • उत्तर: - ऑक्सीजन

27.: - आम का वानस्पतिक नाम क्या है?

  • उत्तर: - मेंगीफ़ेरा इण्डिका

28.: - कॉफी पाउडर के साथ मिलाया जाने वाला ‘चिकोरी चूर्ण’ प्राप्त होता है

  • उत्तर : - -जड़ों से

29.: - ‘विटामिन-सी’ का सबसे अच्छा स्त्रोत क्या है?

  • उत्तर: - आंवला

30.: - सबसे अधिक तीव्रता की ध्वनि कौन उत्पन्न करता है?

  • उत्तर: - बाघ

31.: - मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका कौन-सी होती है?

  • उत्तर: - तंत्रिका कोशिका

32.: - दाँत मुख्य रूप से किस पदार्थ के बने होते हैं?

  • उत्तर: - डेंटाइन के

33.: - किस जंतु की आकृति पैर की चप्पल के समान होती है?

  • उत्तर: - पैरामीशियम

34.: -किस पदार्थ में प्रोटीन नहीं पाया जाता है?

  • उत्तर: - चावल

35.: - मानव का मस्तिष्क लगभग कितने ग्राम का होता है?

  • उत्तर : - 1350

36.: - रक्त में पायी जाने वाली धातु है?

  • उत्तर : - -लोहा

37.: - मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है?

  • उत्तर : - लैक्टिक अम्ल

38.: - किण्वन का उदाहरण है

  • उत्तर : - -दूध का खट्टा होना,खाने की ब्रेड का बनना,गीले आटे का खट्टा होना। 

39.: - केंचुए की कितनी आँखें होती हैं?

  • उत्तर: - एक भी नहीं

40.: - गाजर किस विटामिन का समृद्ध स्रोत है?

  • उत्तर: - विटामिन A

Nobel Prize 2020: ब्लैकहोल की खोज और रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

 Nobel Prize 2020: ब्लैकहोल की खोज और रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

Nobel Prize 2020: ब्लैकहोल की खोज और रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार


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स्वीडन की रॉयल विज्ञान अकादमी ने इस साल (2020) के लिए भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी है।  इस साल भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रोजर पेनरोस, राइनहार्ड गेनजेल और आंद्रिया गेज को दिया जाएगा।  तीनों वैज्ञानिकों की खोज अंतरिक्ष में मौजूद ब्लैक होल से जुड़ी है। 


पुरस्कार राशि में से आधा हिस्सा पेनरोस को दिया जाएगा और बाकी आधे में से आधी-आधी राशि राइनहार्ड और आंद्रिया गेज को मिलेगी।  इस बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार रोजर पेनरोस को यह पुरस्कार इस खोज के लिए दिया गया है कि ब्लैक होल का गठन सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत का एक मजबूत पूर्वानुमान है। 


रोजर पेनरोस: 

रोजर पेनरोस ने पता लगाया है कि ब्लैक होल के निर्माण को सापेक्षता के सिद्धांत पर समझा जा सकता है।  रोजर पेनरोस का जन्म 1931 में ब्रिटेन में हुआ था। उन्होंने जनवरी 1965 में साबित किया कि ब्लैक होल का निर्माण संभव है। उन्होंने बताया कि ब्लैक होल में सिंगुलैरिटी (अंतरिक्ष व समय का ऐसा बिंदु जहां कोई चीज अनंत हासिल कर लेती है) छिपी होती है।  यहां प्रकृति के सभी नियम खत्म हो जाते हैं। 


राइनहार्ड गेंजल और आंद्रिया गेज: 

राइनहार्ड गेंजल और आंद्रिया गेज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद एक अदृश्य लेकिन बेहद शक्तिशाली ऑब्जेक्ट यानी ब्लैकहोल की खोज के लिए सम्मानित किया जाएगा।  राइनहार्ड गेंजल जर्मनी में पैदा हुए और माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के निदेशक हैं।  आंद्रिया गेज अमेरिका से हैं और लॉस एंजेल्स के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। 


इन दोनों वैज्ञानिकों ने खगोलविज्ञानियों की एक-एक टीम का नेतृत्व कर 1990 से अंतरिक्ष के ‘सैगेटेरियस-ए’ नामक स्थान की पड़ताल करवाई। यह स्थान हमारी आकाश गंगा के केंद्र में है। उन्होंने यहां मौजूद सबसे चमकीले तारों के परिक्रमा पथ का सटीक अध्ययन किया।  आधुनिक दूरबीनों और तकनीकों की मदद से उन्होंने साक्ष्य दिए कि यह वस्तु आकाश गंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल है। 


आंद्रिया गेज चौथी महिला


आंद्रिया गेज ने भौतिकी का नोबल पाने के साथ इतिहास में ऐसा करने वाली चौथी महिला होने का मुकाम भी पाया।  इससे पहले यह सम्मान साल 1903 में मैडम क्यूरी, साल 1963 में मारिया जियोपर्ट मायर और साल 2018 में डोना स्ट्रिकलैंड को मिला था। 


नोबेल पुरस्कार के बारे में


यह पुरस्कार डायनामाइट का आविष्कार करने वाले स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शुरू किया गया था।  पुरस्कार के विजेता को प्रशस्ति पत्र के साथ 10 लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाती है. प्रत्येक वर्ष विज्ञान, साहित्य के क्षेत्र में महान अविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। 


यह पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से प्रदान किया जाता है।  नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1901 में हुई थी।  इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य नोबेल प्राइज का आर्थिक संचालन करना है।  इस फाउंडेशन में कुल 5 लोग होते हैं।  स्वीडन का किंग ऑफ काउंसिल इस फाउंडेशन के मुखिया का चयन करता है।  हर वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार की घोषणा होती है। 

Nobel Prize 2020: ब्लैकहोल की खोज और रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

 Nobel Prize 2020: ब्लैकहोल की खोज और रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

Nobel Prize 2020: ब्लैकहोल की खोज और रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार


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स्वीडन की रॉयल विज्ञान अकादमी ने इस साल (2020) के लिए भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी है।  इस साल भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रोजर पेनरोस, राइनहार्ड गेनजेल और आंद्रिया गेज को दिया जाएगा।  तीनों वैज्ञानिकों की खोज अंतरिक्ष में मौजूद ब्लैक होल से जुड़ी है। 


पुरस्कार राशि में से आधा हिस्सा पेनरोस को दिया जाएगा और बाकी आधे में से आधी-आधी राशि राइनहार्ड और आंद्रिया गेज को मिलेगी।  इस बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार रोजर पेनरोस को यह पुरस्कार इस खोज के लिए दिया गया है कि ब्लैक होल का गठन सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत का एक मजबूत पूर्वानुमान है। 


रोजर पेनरोस: 

रोजर पेनरोस ने पता लगाया है कि ब्लैक होल के निर्माण को सापेक्षता के सिद्धांत पर समझा जा सकता है।  रोजर पेनरोस का जन्म 1931 में ब्रिटेन में हुआ था। उन्होंने जनवरी 1965 में साबित किया कि ब्लैक होल का निर्माण संभव है। उन्होंने बताया कि ब्लैक होल में सिंगुलैरिटी (अंतरिक्ष व समय का ऐसा बिंदु जहां कोई चीज अनंत हासिल कर लेती है) छिपी होती है।  यहां प्रकृति के सभी नियम खत्म हो जाते हैं। 


राइनहार्ड गेंजल और आंद्रिया गेज: 

राइनहार्ड गेंजल और आंद्रिया गेज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद एक अदृश्य लेकिन बेहद शक्तिशाली ऑब्जेक्ट यानी ब्लैकहोल की खोज के लिए सम्मानित किया जाएगा।  राइनहार्ड गेंजल जर्मनी में पैदा हुए और माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के निदेशक हैं।  आंद्रिया गेज अमेरिका से हैं और लॉस एंजेल्स के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। 


इन दोनों वैज्ञानिकों ने खगोलविज्ञानियों की एक-एक टीम का नेतृत्व कर 1990 से अंतरिक्ष के ‘सैगेटेरियस-ए’ नामक स्थान की पड़ताल करवाई। यह स्थान हमारी आकाश गंगा के केंद्र में है। उन्होंने यहां मौजूद सबसे चमकीले तारों के परिक्रमा पथ का सटीक अध्ययन किया।  आधुनिक दूरबीनों और तकनीकों की मदद से उन्होंने साक्ष्य दिए कि यह वस्तु आकाश गंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल है। 


आंद्रिया गेज चौथी महिला


आंद्रिया गेज ने भौतिकी का नोबल पाने के साथ इतिहास में ऐसा करने वाली चौथी महिला होने का मुकाम भी पाया।  इससे पहले यह सम्मान साल 1903 में मैडम क्यूरी, साल 1963 में मारिया जियोपर्ट मायर और साल 2018 में डोना स्ट्रिकलैंड को मिला था। 


नोबेल पुरस्कार के बारे में


यह पुरस्कार डायनामाइट का आविष्कार करने वाले स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शुरू किया गया था।  पुरस्कार के विजेता को प्रशस्ति पत्र के साथ 10 लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाती है. प्रत्येक वर्ष विज्ञान, साहित्य के क्षेत्र में महान अविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। 


यह पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से प्रदान किया जाता है।  नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1901 में हुई थी।  इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य नोबेल प्राइज का आर्थिक संचालन करना है।  इस फाउंडेशन में कुल 5 लोग होते हैं।  स्वीडन का किंग ऑफ काउंसिल इस फाउंडेशन के मुखिया का चयन करता है।  हर वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार की घोषणा होती है। 

Nobel Prize 2020: जानिए किन दो महिला वैज्ञानिकों को मिला रसायन का नोबेल पुरस्कार

 Nobel Prize 2020: जानिए किन दो महिला वैज्ञानिकों को मिला रसायन का नोबेल पुरस्कार



रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) के क्षेत्र में वर्ष 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा 07 अक्टूबर 2020 को कर दी गई. 'जीनोम एडिटिंग' की एक पद्धति विकसित करने हेतु इस वर्ष (2020) का पुरस्कार फ्रांस की विज्ञानी इमैनुएल शारपेंतिए और अमेरिका की जेनिफर डाउडना को दिया गया है।


दोनों महिला विज्ञानियों ने महत्वपूर्ण टूल 'सीआरआइएसपीआर-सीएएस9' को विकसित किया है।  इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है।  इससे पहले अब तक पांच महिलाओं को केमिस्ट्री के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।  मैरी क्यूरी एकमात्र ऐसी महिला हैं जिन्हें फिजिक्स एवं केमिस्ट्री दोनों के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है। 


पहला मौका


यह पहला मौका है जब रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दो महिलाओं को एक साथ इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। अब तक 111 बार रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। 


इस खोज का फायदा


इमैनुएल शारपेंतिए और जेनिफर डाउडना जेनेटिक सीजर की महत्वपूर्ण खोज के लिए दुनिया के इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाएगा।  इस खोज से जानवरों, पौधों, माइक्रोऑर्गेनिज्म के डीएनए (DNA) में बदलाव कर गंभीर रोगों का इलाज संभव हो सकेगा। 


पांच महिलाओं को केमिस्ट्री में अवॉर्ड मिल चुका है


अब तक पांच महिलाओं को केमिस्ट्री में अवॉर्ड मिल चुका है।  इसके साथ ही सबसे अधिक उम्र सबसे ज्यादा में रसायन का नोबेल पाने वाले वैज्ञानिक जॉन गुडइनफ थे।  इन्हें जब यह पुरस्कार दिया गया, तब उनकी उम्र 97 साल थी। 


जेनिफर डाउडना: 

जेनिफर डाउडना का जन्म साल 1964 में वाशिंगटन में हुआ था. वह यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कली में प्रोफेसर हैं। 


इमैनुएल शारपेंतिए: 

इमैनुएल शारपेंतिए का जन्म साल 1968 में फ्रांस के जुविसी-सर-ओर्ग में हुआ था. वह जर्मनी के बर्लिन में मैक्स प्लांक यूनिट फॉर दि साइंस ऑफ पैथोजेन्स की निदेशक हैं.

Nobel Prize 2020: जानिए किन दो महिला वैज्ञानिकों को मिला रसायन का नोबेल पुरस्कार

 Nobel Prize 2020: जानिए किन दो महिला वैज्ञानिकों को मिला रसायन का नोबेल पुरस्कार



रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) के क्षेत्र में वर्ष 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा 07 अक्टूबर 2020 को कर दी गई. 'जीनोम एडिटिंग' की एक पद्धति विकसित करने हेतु इस वर्ष (2020) का पुरस्कार फ्रांस की विज्ञानी इमैनुएल शारपेंतिए और अमेरिका की जेनिफर डाउडना को दिया गया है।


दोनों महिला विज्ञानियों ने महत्वपूर्ण टूल 'सीआरआइएसपीआर-सीएएस9' को विकसित किया है।  इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है।  इससे पहले अब तक पांच महिलाओं को केमिस्ट्री के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।  मैरी क्यूरी एकमात्र ऐसी महिला हैं जिन्हें फिजिक्स एवं केमिस्ट्री दोनों के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है। 


पहला मौका


यह पहला मौका है जब रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दो महिलाओं को एक साथ इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। अब तक 111 बार रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। 


इस खोज का फायदा


इमैनुएल शारपेंतिए और जेनिफर डाउडना जेनेटिक सीजर की महत्वपूर्ण खोज के लिए दुनिया के इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाएगा।  इस खोज से जानवरों, पौधों, माइक्रोऑर्गेनिज्म के डीएनए (DNA) में बदलाव कर गंभीर रोगों का इलाज संभव हो सकेगा। 


पांच महिलाओं को केमिस्ट्री में अवॉर्ड मिल चुका है


अब तक पांच महिलाओं को केमिस्ट्री में अवॉर्ड मिल चुका है।  इसके साथ ही सबसे अधिक उम्र सबसे ज्यादा में रसायन का नोबेल पाने वाले वैज्ञानिक जॉन गुडइनफ थे।  इन्हें जब यह पुरस्कार दिया गया, तब उनकी उम्र 97 साल थी। 


जेनिफर डाउडना: 

जेनिफर डाउडना का जन्म साल 1964 में वाशिंगटन में हुआ था. वह यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कली में प्रोफेसर हैं। 


इमैनुएल शारपेंतिए: 

इमैनुएल शारपेंतिए का जन्म साल 1968 में फ्रांस के जुविसी-सर-ओर्ग में हुआ था. वह जर्मनी के बर्लिन में मैक्स प्लांक यूनिट फॉर दि साइंस ऑफ पैथोजेन्स की निदेशक हैं.

मेडिसिन नोबेल पुरस्कार 2020: Medicine के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा, जानें किसे मिला यह पुरस्कार

 मेडिसिन नोबेल पुरस्कार 2020: Medicine के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा, जानें किसे मिला यह पुरस्कार


साल 2020 में चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार विजेता का घोषणा हो गया है। इस साल यह पुरस्कार हेपेटाइटिस ‘सी’ वायरस की खोज करने वाले हार्वी जे ऑल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस को दिया जाएगा. आपको बता दें कि नोबेल फाउंडेशन की तरफ से यह अवॉर्ड दिया जाता है। 


नोबेल पुरस्कार समिति ने ट्वीट कर बताया कि विश्व के लोगों में रक्त-जनित हेपेटाइटिस, सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है. इसके खिलाफ लड़ाई में इन तीनों लोगों ने निर्णायक योगदान दिया। नोबेल पुरस्कार देने वाली कमेटी ने कहा कि इन वैज्ञानिकों की खोज ने लाखों लोगों की जान बचाई है। 


इन पुरस्‍कारों की घोषणा हर साल की तरह से इस बार भी स्‍वीडन के स्‍टॉकहोम शहर में की गई। इसी हफ्ते अन्‍य नोबेल पुरस्‍कारों की घोषणा की जाएगी। यह पुरस्कार फिजियोलॉजी या चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ठ खोज करने वाले वैज्ञानिकों को सालाना तौर पर दिया जाता है।


हेपेटाइटिस सी


हेपेटाइटिस ‘सी’ वायरस से लीवर कैंसर होता है और यह एक बहुत बड़ा कारण है कि लोगों को लीवर ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता है। नोबेल कमेटी के अनुसार 1960 के दशक में किसी से ख़ून लेना ऐसा ही ख़तरनाक था कि आपकी जान भी जा सकती थी। नोबेल कमेटी ने कहा कि इतिहास में पहली बार अब इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है, जिससे दुनिया से हेपेटाइटिस सी वायरस ख़त्म करने की उम्मीद बढ़ गई है।


जानें नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिकों के बारे में


हार्वी जेम्स ऑल्टर: 

हार्वी जेम्स ऑल्टर एक अमेरिकी चिकित्सा शोधार्थी, वायरोलॉजिस्ट और फिजिशियन हैं।  ऑल्टर वारेन ग्रांट मैग्नसन क्लिनिरल सेंटर के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में रिसर्च के लिए एसोसिएट डायरेक्टर और संक्रामक रोग सेक्शन के प्रमुख हैं।  हार्वी जेम्स ऑल्टर का जन्म अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में 12 सितंबर 1935 को हुआ था।  उन्होंने साल 1956 में यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के कला में स्नातक की डिग्री ली थी।  उन्होंने इसके बाद साल 1960 में उसी यूनिवर्सिटी से चिकित्सा की डिग्री ली. हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज को संभव बनाने में अहम योगदान देने वाली उनकी खोजों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। 


माइकल ह्यूटन: 

माइकल ह्यूटन एक ब्रिटिश वायरोलॉजिस्ट हैं जो फिलहाल यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।  माइकल ह्यूटन का जन्म यूनाइटेड किंगडम में 1950 के दशक में हुआ था।  उन्होंने 17 साल की आयु में लुई पाश्चर के बारे में पढ़ने के बाद माइक्रोबायोलॉजिस्ट बनने का फैसला किया था. कई पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके ह्यूटन ने साल 1972 में यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया से बायोलॉजिकल साइंसेज में डिग्री ली और साल 1977 में किंग्स कॉलेज लंदन से बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी पूरी की थी। 


चार्ल्स एम राइस:

 चार्ल्स एम राइस एक अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट हैं। राइस फिलहास न्यूयॉर्क में स्थित रॉकफेलर यूनिवर्सिटी में अपनी सेवाएं रहे हैं. चार्ल्स एम राइस का जन्म 25 अगस्त 1952 को सैक्रामेंटो में हुआ था।  उन्होंने साल 1974 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से प्राणि विज्ञान (जूलॉजी) से स्नातक किया था और साल 1981 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी पूरी की थी, यहां उन्होंने आरएनए वायरसों पर अध्ययन किया था. वे साल 2003 से 2007 तक जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन के एडिटर रहे। 


नोबेल पुरस्कार के बारे में


यह पुरस्कार फिजियोलॉजी या चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ठ खोज करने वाले वैज्ञानिकों को सालाना तौर पर दिया जाता है।  यह पुरस्कार डायनामाइट का आविष्कार करने वाले स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शुरू किया गया था।  पुरस्कार के विजेता को प्रशस्ति पत्र के साथ 10 लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।  प्रत्येक वर्ष विज्ञान, साहित्य के क्षेत्र में महान अविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। 


यह पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से प्रदान किया जाता है।  नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1901 में हुई थी. इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य नोबेल प्राइज का आर्थिक संचालन करना है।  इस फाउंडेशन में कुल 5 लोग होते हैं।  स्वीडन का किंग ऑफ काउंसिल इस फाउंडेशन के मुखिया का चयन करता है. हर वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार की घोषणा होती है। 

मेडिसिन नोबेल पुरस्कार 2020: Medicine के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा, जानें किसे मिला यह पुरस्कार

 मेडिसिन नोबेल पुरस्कार 2020: Medicine के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा, जानें किसे मिला यह पुरस्कार


साल 2020 में चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार विजेता का घोषणा हो गया है। इस साल यह पुरस्कार हेपेटाइटिस ‘सी’ वायरस की खोज करने वाले हार्वी जे ऑल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस को दिया जाएगा. आपको बता दें कि नोबेल फाउंडेशन की तरफ से यह अवॉर्ड दिया जाता है। 


नोबेल पुरस्कार समिति ने ट्वीट कर बताया कि विश्व के लोगों में रक्त-जनित हेपेटाइटिस, सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है. इसके खिलाफ लड़ाई में इन तीनों लोगों ने निर्णायक योगदान दिया। नोबेल पुरस्कार देने वाली कमेटी ने कहा कि इन वैज्ञानिकों की खोज ने लाखों लोगों की जान बचाई है। 


इन पुरस्‍कारों की घोषणा हर साल की तरह से इस बार भी स्‍वीडन के स्‍टॉकहोम शहर में की गई। इसी हफ्ते अन्‍य नोबेल पुरस्‍कारों की घोषणा की जाएगी। यह पुरस्कार फिजियोलॉजी या चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ठ खोज करने वाले वैज्ञानिकों को सालाना तौर पर दिया जाता है।


हेपेटाइटिस सी


हेपेटाइटिस ‘सी’ वायरस से लीवर कैंसर होता है और यह एक बहुत बड़ा कारण है कि लोगों को लीवर ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता है। नोबेल कमेटी के अनुसार 1960 के दशक में किसी से ख़ून लेना ऐसा ही ख़तरनाक था कि आपकी जान भी जा सकती थी। नोबेल कमेटी ने कहा कि इतिहास में पहली बार अब इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है, जिससे दुनिया से हेपेटाइटिस सी वायरस ख़त्म करने की उम्मीद बढ़ गई है।


जानें नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिकों के बारे में


हार्वी जेम्स ऑल्टर: 

हार्वी जेम्स ऑल्टर एक अमेरिकी चिकित्सा शोधार्थी, वायरोलॉजिस्ट और फिजिशियन हैं।  ऑल्टर वारेन ग्रांट मैग्नसन क्लिनिरल सेंटर के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में रिसर्च के लिए एसोसिएट डायरेक्टर और संक्रामक रोग सेक्शन के प्रमुख हैं।  हार्वी जेम्स ऑल्टर का जन्म अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में 12 सितंबर 1935 को हुआ था।  उन्होंने साल 1956 में यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के कला में स्नातक की डिग्री ली थी।  उन्होंने इसके बाद साल 1960 में उसी यूनिवर्सिटी से चिकित्सा की डिग्री ली. हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज को संभव बनाने में अहम योगदान देने वाली उनकी खोजों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। 


माइकल ह्यूटन: 

माइकल ह्यूटन एक ब्रिटिश वायरोलॉजिस्ट हैं जो फिलहाल यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।  माइकल ह्यूटन का जन्म यूनाइटेड किंगडम में 1950 के दशक में हुआ था।  उन्होंने 17 साल की आयु में लुई पाश्चर के बारे में पढ़ने के बाद माइक्रोबायोलॉजिस्ट बनने का फैसला किया था. कई पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके ह्यूटन ने साल 1972 में यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया से बायोलॉजिकल साइंसेज में डिग्री ली और साल 1977 में किंग्स कॉलेज लंदन से बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी पूरी की थी। 


चार्ल्स एम राइस:

 चार्ल्स एम राइस एक अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट हैं। राइस फिलहास न्यूयॉर्क में स्थित रॉकफेलर यूनिवर्सिटी में अपनी सेवाएं रहे हैं. चार्ल्स एम राइस का जन्म 25 अगस्त 1952 को सैक्रामेंटो में हुआ था।  उन्होंने साल 1974 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से प्राणि विज्ञान (जूलॉजी) से स्नातक किया था और साल 1981 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी पूरी की थी, यहां उन्होंने आरएनए वायरसों पर अध्ययन किया था. वे साल 2003 से 2007 तक जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन के एडिटर रहे। 


नोबेल पुरस्कार के बारे में


यह पुरस्कार फिजियोलॉजी या चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ठ खोज करने वाले वैज्ञानिकों को सालाना तौर पर दिया जाता है।  यह पुरस्कार डायनामाइट का आविष्कार करने वाले स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शुरू किया गया था।  पुरस्कार के विजेता को प्रशस्ति पत्र के साथ 10 लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।  प्रत्येक वर्ष विज्ञान, साहित्य के क्षेत्र में महान अविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। 


यह पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से प्रदान किया जाता है।  नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1901 में हुई थी. इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य नोबेल प्राइज का आर्थिक संचालन करना है।  इस फाउंडेशन में कुल 5 लोग होते हैं।  स्वीडन का किंग ऑफ काउंसिल इस फाउंडेशन के मुखिया का चयन करता है. हर वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार की घोषणा होती है। 

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