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गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021

भारत - श्रीलंका द्विपक्षीय आभासी शिखर सम्मेलन: यहां पढ़ें महत्त्वपूर्ण जानकारी

भारत - श्रीलंका द्विपक्षीय आभासी शिखर सम्मेलन: यहां पढ़ें महत्त्वपूर्ण जानकारी


प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 15 मिलियन अमरीकी डालर की सहायता की घोषणा की है. यह अनुदान बौद्ध धर्म के क्षेत्र में दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी  संबंधों को गहरा करने में सहायता करेगा.


भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय आभासी शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच आयोजित किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच आभासी शिखर सम्मेलन के लिए अपने द्वारा भेजे गये निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को धन्यवाद देते हुए इस शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन की शुरुआत की.


प्रधानमंत्री ने श्रीलंकाई संसदीय चुनाव 2020 में अपनी पार्टी की जीत पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री को बधाई भी दी. इन दोनों नेताओं ने इस आभासी मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और आपसी चिंता के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की.


यह पहली बार है जब कोविड -19 महामारी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पड़ोस के एक नेता के साथ द्विपक्षीय बैठक की है.


भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन: मुख्य विशेषताएं


भारत और श्रीलंका के संबंधों पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि, भारत और श्रीलंका के बीच ये संबंध हजारों साल पुराने हैं.


इसके अलावा, भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति और SAGAR सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि, हम दोनों देशों के बीच संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं.


श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कोविड -19 महामारी के दौरान जिस तरह से भारत ने दूसरे देशों के लिए काम किया है, उसके लिए भारत का आभार व्यक्त किया.


प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने MT न्यू डायमंड शिप पर लगी आग को बुझाने के लिए भारत और श्रीलंका के बीच संयुक्त अभियान का भी आगे जिक्र किया और यह कहा कि, इसने दोनों देशों के बीच सहयोग को और अधिक बढ़ावा दिया है.


प्रमुख घोषणायें


प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-श्रीलंका के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 15 मिलियन अमरीकी डॉलर देने की घोषणा की


प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता प्रदान करने की घोषणा की जिसका श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने स्वागत किया.


यह अनुदान बौद्ध मठों के निर्माण और बौद्ध मठों के नवीकरण, क्षमता विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पुरातात्विक सहयोग, बुद्ध के अवशेषों की पारस्परिक प्रदर्शनी, बौद्ध विद्वानों और पादरियों के आपसी संपर्क को मजबूत करने के माध्यम से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंधों को गहरा करने में सहायता करेगा.


भारत ने सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका को 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा भी प्रदान की


भारत और श्रीलंका द्विपक्षीय वित्तीय सहयोग को भी मजबूत करने के लिए काम करेंगे. भारत ने आर्थिक सुधार में सहायता करने और कोविड 19 से संबंधित व्यवधानों से निपटने के लिए श्रीलंका के सेंट्रल बैंक को 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा प्रदान की है.


पृष्ठभूमि


भारत ने अपनी ‘पड़ोसी देश पहले’ नीति को आगे बढ़ाने के प्रयासों में, अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ परामर्श की एक श्रृंखला की योजना बनाई है.


इस 20 सितंबर, 2020 को मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलीह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोविड -19 महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध करने के जवाब में, भारत ने मालदीव को 250 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण दिया है.


भारत ने अफगान सरकार को भी इंट्रा-अफगान वार्ता की पृष्ठभूमि में अपना समर्थन देने के लिए कथित तौर पर पेशकश की है. भारत ने आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से उच्च स्तरीय यात्राओं की श्रृंखला के लिए एक योजना भी बनाई है.


इसके अलावा, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा अगले दो वर्षों के लिए रोडमैप के साथ आने वाले महीने के अंत में भारत-बांग्लादेश परामर्श प्रणाली की एक बैठक आयोजित करने की भी उम्मीद है.

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